से कोरोना डरो न पापा बोलो न पहली कोंपल फूटी डर भी पर लगता तो है न मुझे फिर से बॉर्डर पर जाना हैं आत्ममोह से ग्रसित लोगों पर तंज़ कसती कविता...

Hindi पर न फूटी आह प्राणों से Poems